यह अयोध्या है , यह हमारा है !!

सुनाता हूं चरित्र अयोध्या का

हमारा वो पवित्र नगरी का

जहाँ राम जी का जन्म हुआ था

जहाँ रामराज्य का स्थापन हुआ था




रावण का वंश नाश उन्होंने किया

अनेक दानव असुरों का भी अंत किया

उस वीर राम के एक मंदिर यहाँ था

एक विराट मंदिर हमने बनाया था




जो लोग आज भी आतंक फैलाते हैं

वो आज नहीं कल भी थे !

अपना मत सच और दूसरा छूटा है

वो हमेशा बोलते रहते है !!



वो मुग़ल राजा ने इस राम मंदिर को तोडा

जो हिन्दू थे , उनको भी पीटा मारा

वो विराट राम मंदिर के बदले उसने

एक मस्जिद का निर्माण किया




वो मस्जिद था हिन्दू का अपमान

हमेशा एक दर्द था उसके मन मे

एक शुब अवसर पर उसने बदला लिया

हाँ , गर्व हैं कि हमने वह तोड़ दिया




हम बनायेंगे राम मंदिर वहीं जरूर

वो भी विराट अत्यंत विशाल सुन्दर

सोचो आज के युग हिन्दू का है

बदला लेने का समय आगया है




जहाँ जहाँ मंदिर का नाश किया है

वहाँ वहाँ उनका पुनर्निर्माण करना है

हिंदुओं को हमेशा इक्कट्ठा रहना है

राष्ट्र पुनर्निर्माण का समय आया है




Grammatic errors are bound to occur, and I dare not call this a poem, but something which I want to share with you, in minimum words and with maximum emotions . thank you for reading . do comment here if I deserve…

2 comments:

Unknown said...

good nice pome

Unknown said...

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